जीवित व्यक्ति को मृत बताकर फर्जीवाड़ा करने वाला पटवारी रेशमलाल आख़िरकार हुआ गिरफ्तार

Patwari Reshamlal, who fraudulently called the living person dead, was finally arrested

जीवित व्यक्ति को मृत बताकर फर्जीवाड़ा करने वाला पटवारी रेशमलाल आख़िरकार हुआ गिरफ्तार
रिपोर्ट। दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा

जीवित व्यक्ति को मृत बताकर फर्जीवाड़ा करने वाला पटवारी रेशमलाल आख़िरकार हुआ गिरफ्तार

  • कई दिनों से था फरार, कोतवाली थाना प्रभारी मनीषराज भदौरिया ने  मथुरा से पकड़ कर लाये ।

छिन्दवाड़ा। शहर के कोतवाली थानांतर्गत आने वाले कोलाढाना क्षेत्र में एक जमीन नामांतरण के मामले में फर्जीवाड़ा कर विगत एक माह से फरार चल रहे आरोपी पटवारी रेशमलाल पवार को पुलिस ने किया गिरफ्तार। 

 

दरअसल विगत दिनों नामांतरण के एक मामले में भूमि स्वामी के जिंदा होने के बाद भी उसे मरा हुआ बताकर पटवारी रेशमलाल पवार ने बगैर जांच के नामांतरण कर दिया था, जब इस बात की सूचना भूमि स्वामी को लगी कि उसे पटवारी व उसके एक रिश्तेदार ने षडयंत्र कर मृत घोषित कर दिया है और फर्जी तरिके से जमीन का नामांतरण किया गया है तो भूमि स्वामी द्वारा इस बात की शिकायत बड़े और जिम्मेदार अधिकारियो के समक्ष की गई, फर्जी वाड़ा करने वाला पटवारी रेशमलाल चंदनगांव हल्का में पदस्थ है, मामला पुलिस के पास पहुंचने पर पुलिस ने पटवारी पर कूटरचित षड़यंत्र रचने तथा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जाच में लिया था, जिसके बाद से ही पुलिस की कार्यवाही और गिरफ़्तारी के डर से पटवारी फरार हो गया था, कोतवाली पुलिस लगातार इसकी तलाश में जुटी हुई थी, इसके छुपे होने वाले हर संभावित ठिकाने पर अलग अलग पुलिस टीमे लगातार दबिश दे रही थी, इस बीच  पटवारी गिरफ़्तारी से बचने अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय के भी गया मगर उसे वहा से भी कोई राहत नही मिली, लंबी जद्दो जहद के बाद आखिरकार ये पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया, कोतवाली थाना प्रभारी मनीषराज भदौरिया ने बताया कि फर्जीवाड़े के मामले में फरार पटवारी रेशम को उत्तर प्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार किया गया है, थाना प्रभारी श्री भदौरिया स्वयम दल बल के साथ मथुरा पहुचे थे जहा से वे इस पटवारी को गिरफ्तार कर छिन्दवाड़ा लेकर आये और शनिवार को न्यायालय में पेश किया जहा से उसे जेल भेज दिया गया है।

यह था पूरा मामला

कोलाढ़ाना निवासी तेजराम चरपे ने पटवारी रेशमलाल को भूमि नामांतरण के लिए आवेदन किया था, आवेदन में तेजराम चरपे ने बताया था कि उसका रिश्तेदार रामजी चरपे की मृत्यु हो गई है और भूमि पर रामजी चरपे का कब्जा था लेकिन वह अब इस दुनिया में नहीं है जिसके कारण अब भूमि उसके नाम पर की जाए, पटवारी ने आवेदन के आधार पर नामांतरण कर दिया तथा मौके पर पहुंचकर मामले की जांच भी नहीं की तथा प्रतिवेदन तैयार कर तहसीलदार को दे दिया, इस बात की सूचना जब पीड़ित रामजी चरपे को लगी कि पटवारी तथा उसके रिश्तेदार तेजराम चरपे ने षड़यंत्र कर उसकी भूमि का नामांतरण कर दिया है तो उसने इस बात की शिकायत पुलिस से की, जाच में पटवारी की लापरवाही साबित होने पर कोतवाली थाने में उसके खिलाफ विभिन्न धाराओ के तहत अपराध दर्ज किया गया था, उसी के बाद से यह फरार चल रहा था।