प्याज की जमाखोरी पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला...

Onion prices will be controlled soon! Modi government took this big step

प्याज की जमाखोरी पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला...
रिपोर्ट। CTN भारत, भोपाल

प्याज की कीमतों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला...

घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और प्याज की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक विक्रेताओं दोनों पर तत्काल प्रभाव से 31 दिसंबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू कर दी.

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। खुदरा व्यापारी अपने गोदाम में अब केवल दो टन तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि थोक व्यापारियों को 25 टन तक प्याज रखने की अनुमति होगी. यह कदम प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिये उठाया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में प्याज की खरीफ फसल को पहुंचे नुकसान और उसके साथ-साथ इसकी जमाखोरी के कारण प्याज की कीमतें बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (union ministry of consumer affairsm food and distribution) की ओर से जारी आदेश के तहत अब देश के सभी राज्यों में प्याज के थोक व्यापारी 25 टन से अधिक प्याज नहीं रख पाएंगे, खुदरा व्यापारियों के लिए ये सीमा 5 टन निर्धारित की गई है। बता दें कि पिछले कुछ समय में देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही थी। मंगलवार को महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज का थोक भाव 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। वहीं दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याजी की कीमत 80 रूपये के पार चली गई और दिल्ली-एनसीआर में खुदरा बाजार में ये 80 से 130 रूपये किलो तक बिक रहा था। ऐसे में प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है और सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर प्याज की मांग और आपूर्ति पर नजर रखने को कहा है। उम्मीद है सरकार के इस कदम के बाद अब प्याज की कीमतों पर लगाम लगेगी और ये किसी को महंगाई के आंसू नहीं रूलाएगा।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बाद में ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने जमाखोरी रोकने और दाम पर अंकुश के लिए यह कदम उठाया है. प्याज के खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लगाई गई है. प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए किए गए अन्य उपायों पर प्रकाश डालते हुए, सचिव ने कहा कि सरकार ने आयात के जरिये घरेलू आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया गया है. सरकारी स्वामित्व वाली एमएमटीसी जल्द ही लाल प्याज का आयात करने के लिए निविदा जारी करेगी.

सचिव ने कहा कि सरकार ने 14 सितंबर को ही प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करके पहले से ही एक निदानात्मक उपाय की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, खुदरा मूल्य वृद्धि कुछ हद तक कम हुई, लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्याज उत्पादक जिलों में भारी बारिश की खबरों ने खरीफ फसल को नुकसान होने की चिंता पैदा की है.’