संकट में संजीवनी साबित होगा बजट, आत्मनिर्भर भारत का होगा निर्माण - विवेक बंटी साहू

Budget will prove to be a living in crisis, self-reliant India will be built - Vivek Bunty Sahu

संकट में संजीवनी साबित होगा बजट, आत्मनिर्भर भारत का होगा निर्माण - विवेक बंटी साहू
रिपोर्ट। रोशन सिंगनापुरे, छिंदवाड़ा

संकट में संजीवनी साबित होगा बजट, आत्मनिर्भर भारत का होगा निर्माण - विवेक बंटी साहू

छिन्दवाड़ा। भारत विश्व गुरु के साथ भविष्य की आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है। वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है। कोरोना ने  दुनिया मे जो प्रभाव पैदा किया है उसने पूरी मानव जाति को हिलाकर रख दिया, इन परिस्थितियों के बीच ये बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। साथ मे एक नया आत्मविश्वास भरने वाला है। बजट के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  को धन्यवाद। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू जी ने कही।

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का बजट बताया और कहा कि यह बजट संकट में संजीवनी का काम करेगा।

श्री साहू ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि नियमो और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आम आदमी के जीवन मे इज ऑफ लिविंग को बढ़ाने पर बजट में जोर दिया गया है। ये बजट इंडिविजुअल, इंडस्ट्री, इन्वेस्टर और इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर में बहुत सकारात्मक बदलाव लाएगा। स्वास्थ्य पर केंद्रित यह बजट अभूतपूर्व है। यह बजट वैभवशाली,समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण वाला बजट है। कोरोना काल की कठिन परिस्थितियों के बीच पेश केन्द्रीय बजट आत्म निर्भर भारत के निर्माण का बजट सिद्ध होगा। यह अर्थव्यवस्था को ट्रांसफार्म करने वाला मानवीय बजट है। 34 लाख 80 हजार करोड़ के बजट में प्रधानमंत्री आत्म-निर्भर स्वस्थ भारत योजना आरम्भ की जा रही है। इसके लिए 34 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान है। कोरोना वैक्सीन के लिए भी 35 हजार करोड़ का प्रावधान है। इस तरह कोरोना महामारी से डगमगाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा। एक तरह से यह बजट संकट में संजीवनी का काम करेगा।

उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद से अब तक के मोदी सरकार के बजट प्रावधानों में किसान भी प्राथमिकता में रहे है। यह बजट उन लोगो को स्पष्ट संदेश देता है,जो मोदी सरकार के तीनों कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे है और किसानों को सरकार के विरुद्ध भड़काने का प्रयास कर रहे है।