आखिर बच्चों का क्या दोष जो बिना स्कूल गये पढे ट्यूशन फीस अदा करें.....

After all, what is the fault of children who pay tuition fees without going to school?

आखिर बच्चों का क्या दोष जो बिना स्कूल गये पढे ट्यूशन फीस अदा करें.....
रिपोर्ट - दीपक कोल्हे, एडिटर

आखिर बच्चों का क्या दोष जो बिना स्कूल गये पढे ट्यूशन फीस अदा करें.....

छिंदवाड़ा/भोपाल-

छिंदवाड़ा सहित प्रदेश में भी इस समय लॉक डाउन के चलते स्कूलों की पढ़ाई बंद है और इसी कारण प्रदेश के समस्त स्कूल (school) भी बंद है। इसी बीच प्राइवेट स्कूलों के द्वारा पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावको पर फीस  के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है । खबर सरकार तक पहुंची और रविवार को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आदेश दिए कि बच्चों से लॉक डॉऊन के पीरियड के दौरान फीस न ली जाए। इसी के संबंध में अब स्कूली शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया है ।

इस सर्कुलर में लिखा है कि लॉक डाउन पीरियड के दौरान कोई भी प्राइवेट स्कूल बच्चों से ट्यूशन फीस के अलावा किसी अन्य प्रकार की फीस ना ले। गौरतलब है कि स्कूल की फीस में सबसे बड़ा हिस्सा ही ट्यूशन फीस का होता है जो कुल फीस का लगभग 80 से 90 फ़ीसदी होता है। यह एक बड़ा सवाल सोचने पर मजबूर करता है 
वही अधिकारियों का तर्क है कि क्योंकि प्राईवेट स्कूलो को शिक्षकों को वेतन देना पड़ेगा और भवन का किराया आदि भी, इसलिए यह ट्यूशन फीस जरूरी है। लेकिन सवाल यहां यह भी खड़ा होता है आखिरकार इसमें बच्चों का क्या दोष कि वे बिना स्कूल गये पढे ट्यूशन फीस अदा करें।