भारत की बेटी अंशु मलिक ने बढ़ाया मान, रजत पदक जीतकर रचा इतिहास
India's daughter Anshu Malik raised the honor, created history by winning silver medal
भारत की बेटी अंशु मलिक ने बढ़ाया मान, रजत पदक जीतकर रचा इतिहास
नई दिल्ली। भारत की युवा महिला पहलवान अंशु मलिक ने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया रच दिया। फाइनल में जगह बनाकर भारत के लिए इतिहास बनाने वाली एशियाई चैम्पियन अंशु मलिक को हालांकि फाइनल मुकाबले में हार का मुंह देखना पड़ा लेकिन हारकर भी भारत को पहला रजत पदक दिलाकर उन्होंने इतिहास बना दिया।
नॉर्वे में खेली जा रही चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले में पहुंचने के लिए अंशु मालिक के सामने सेमी फाइनल में जूनियर यूरोपियन चैम्पियन सोमालिया विंक थी और भारत के बेटी ने इस कड़े मुकाबले में विंक को हराकर फाइनल में प्रवेश कर भारत का मान बढ़ाया और इतिहास बनाया। 57 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अंशु का मुकाबला 2016 की ओलम्पिक चैम्पियन हेलेन लूरी मारोलिस से था और इसमें उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी। अंशु को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
फाइनल मुकाबला बहुत कड़ा था अंशु मलिक ने पूर्व ओलंपियन को कड़ी टक्कर दी। अंशु ने आक्रामक और सकारात्मक खेल के दम पर पहले पीरियड में 1-0 की बढ़त बना ली। लेकिन दूसरे पीरिएड में हेलेन हावी हो गई और उसने बढ़त बना ली, हेलेन ने अंशु का हाथ पकड़ा फिर टेकडाउन मूव से 2-1 की बढ़त बना ली हेलेन ने अंशु के दायें हाथ को नहीं छोड़ा और दो अंक लेकर 4-1 से बढ़त बरक़रार रखी। अंशु दर्द से कराहती रही और हेलेन ने उसे चित कर दिया। मुकाबले के बाद अंशु को चिकित्सा उपलब्ध कराई गई , उनकी आँखों में आंसू थे और देश के लिए गोल्ड नहीं जीत पाने का गम भी।
हालाँकि अंशु मलिक विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली पहलवान बन गई और देश की पांचवी पदक विजेता महिला पहलवान। इससे पहले गीता फोगाट (2012), बबिता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगाट (2019) में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। यदि अंशु गोल्ड जीतती तो वो विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में ऐसा करने वाली दूसरी पहलवान बन जाती इससे पहले केवल सुशील कुमार ने भारत के लिए विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल (2010) जीता है।
Comments (0)
Facebook Comments